परेशान थी चम्पु की वाइफ
Non-happening थी जो उसकी लाइफ
चम्पु को ना मिलता था आराम
ओफिस मैं करता काम ही काम
चम्पु के बॉस भी थे बड़े कूल
परमोशन को हर बार जाते थे भूल
पर भूलते नही थे वो डेडलाइन
काम तो करवाते थे रोज़ till nine
चम्पु भी बनना चाहता था बेस्ट
इसलिए तो वो नही करता था रेस्ट
दिन रात करता वो बॉस की गुलामी
Onsite के उम्मीद मैं देता सलामी
दिन गुज़रे और गुज़रे फिर साल
बुरा होता गया चम्पु का हाल
चम्पु को अब कुछ याद ना रहता था
ग़लती से बीवी को बहेनजी कहता था
आख़िर एक दिन चम्पु को समझ आया
और छोड़ दी उसने Onsite की मोह माया
"तुम क्यों सताते हो ?
"Onsite के लड्डू से बुद्दु बनाते हो"
"परमोशन दो वरना चला जाऊंगा"
"Onsite देने पर भी वापिस ना आऊंगा."
बॉस हंस के बोला "नही कोई बात"
"अभी और भी चम्पु है मेरे पास"
"यह दुनिया चमपुओं से भरी पड़ी है"
"सबको बस आगे बढ़ने की पड़ी है"
"तुम ना करोगे तो किसी और से करवाऊंगा"
"तुम्हारी तरह एक और चम्पु बनाऊंगा"
(WAKE UP CHAMPU)
साभार :-- (yahoo groups EnjoyTheMasti)
Sunday, August 30, 2009
जागो चम्पु जागो
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