तेरी गोद की ज़रूरत मुझे हरदम है,
हर पल तेरी ममता की ज़रूरत मुझे है,
तेरे प्यार भरे हाथो की
तेरी वात्सल्य भरी मुस्कान की,
मेरा बचपन मेरी जवानी मेरा आखरी वक़्त,
हर लम्हा मुझे तेरी ज़रूरत है,
एक तू ही तो है - जो मेरे दिल में
छुपी दास्तानो को पढ़ सकती है,
एक तू ही तो है - जो मेरा
दर्द समझ सकती है,
मेरे दुख से बस तेरे ही आँसू निकलते है,
मेरी खुशी से तेरे चेहरे पर मुस्कान
खिलती है,
मेरे लहू के हर कतरे में बस
तेरा ही रंग झलकता है,
माँ बस तू ही तो है
बस तू ही तो है.
सन 1741 – गंगवाना का युद्ध जयपुर V /S मराठा
2 days ago
0 comments:
Post a Comment